रत्नगिरी
देवनागरी
|
|
रत्नगिरी हे भारतन्चे महाराष्ट्रन्त एक शार। हे भारतन्चे दक्षिण-पश्चिम भागन्त आसा। हचे लेग्गि सह्याद्री गुड्डे(हिल्स)अनि अरब माहासमुद्र अस्सन्त। हन्गन्चे लाम्ब तट आनी बंदर भारी प्रसिद्य। हांगाचो हफ़ुस आंबो भारी प्रसिद्य। हांगा ,नार्ल आनी काजु खुब संख्यात जाता।
स्वतन्त्रा सैनिक बाल गंगाधर तिळक्चो जन्म हांगा जाल्लो।
भुगोल
[बदल]रत्नगिरी भारतन्चे दक्षिण तटार अस्स आनी हे १६.९८°उ आनी ७३.३° पू आसा। हचे पश्चिमान्त अरबी महासमुद्र आनी पूर्वन्त सह्याद्री अस्सा। हन्गा खुब पाउस पोड्ता।
जन अनि शिक्वण
[बदल]२००१न्चि कनिशमरिन्चे प्रकार रत्नगिरीची आबादि ७०,३३५ अशिलि आनी हन्गन्चि शिक्षण दर ८०%। हन्गचे बाइलमन्शची शिक्वण दर ७६% आनी दर्ल्मन्शन्चे ८४%। हन्गाचे ११% लोक ६ वर्शो बित्तर्चे।
इतिहास
[बदल]१७३१आनत रत्नगिरी सतरा रायन्चे शासनान्त आयिले झालार १८१८आन्त हे अन्ग्रजि शासनान्त आयिले। हन्गा एक गढ अस्स, हचो निर्माण बीजापुर शासन्त झाले आनी मराठा राय शिवाजीन हाका शसक्त केले। बरमांचो अंतिम राय थिबाव आनी वीर सावर्करन्चो कारावास हांगा जालो।
लोक सन्ताची कि पन्डवान हन्गा तीर्थ यात्रा केलेली अनि हन्गचे राय वीरवत रै न तन्चो कुरुक्शेत्रन्चे युध्धन्त समर्थन केलो।
मुख्य आकर्शण
[बदल]- बोध स्तुपा
- पर्शुराम देवस्थान
- चिपळून
- गनपतिफ़ुले
- पावास
- दबोल
- राजापुर्चि गंगा
- थिबाव महल
- माल्गुन्ड
- जयगढ
- पवास
- वेल्नेश्वर
- रत्नगिरी गढ़